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'मीट एट आगरा' में 45 देशों से जुटेंगे एग्जीबिटर्स

* फुटवियर ट्रेड का महाकुंभ सात अक्टूबर से शुरू

* केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल करेंगे  उद्घाटन, तैयारियां 




आगरा। ताजनगरी में कोरोना काल के बाद फुटवियर ट्रेड का महाकुंभ 'मीट एट आगरा 2022Ó का आयोजन सात अक्टूबर से गांव सींगना स्थित ट्रेड सेंटर में शुरू होगा। इसमें 45 देशों के 250 से अधिक एग्जीबिटर्स इसमें शामिल होंगे। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल करेंगे। 
फुटवियर मैन्युफेक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स चैम्बर (एफमेक) के बैनर तले तीन दिवसीय कार्यक्रम होने जा रहा है। फेयर में आठ अक्टूबर को तकनीकी सत्र आयोजित होगा। इसमें देश और दुनिया से आए इंडस्ट्री के दिग्गज अपने अनुभव साझा करेंगे। कॉलेजों के छात्रों को इंडस्ट्री एक्स्पोजर भी मिलेगा, जिससे युवाओं में उद्यमिता के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। इस वर्ष फेयर में लगभग 20,000 से अधिक एग्जीबिटर्स के शामिल होने की संभावना है। 
एफमेक अध्यक्ष पूरन डावर ने बताया कि कोरोना काल में कारोबार की रफ्तार भले ही कम रही है, लेकिन तकनीकी विकास अपनी रफ्तार से आगे बढ़ा है। नई तकनीक के साथ फुटवियर ट्रेड में नए ट्रेंड का आगाज हुआ है। आगरा स्पोर्ट्स शूज के प्रोडक्शन में अपनी भागीदारी शून्य रखता था। अब इस दिशा में आगे बढ़ चुका है, कई जूता निर्यातकों ने स्पोर्ट्स शूज बनाने के लिए तकनीकी रूप से स्वयं को विकसित किया है। कई फैक्ट्रियों में स्पोर्ट्स शूज का प्रोडक्शन हो रहा है। आगरा की जूता इंडस्ट्री अब सिर्फ चमड़े पर निर्भर नहीं रहेगी। एफमेक उपाध्यक्ष राजेश सहगल ने बताया कि फेयर में लेदर, फुटवियर कंपोनेंट्स एन्ड टेक्नोलॉजी फेयर के रूप में दुनिया के प्रमुख फुटवियर फेयर्स के कलेंडर में शुमार किया जाता है। यह फेयर न सिर्फ आगरा के जूता उद्योग को गति देने में अहम् भूमिका निभा रहा है बल्कि देश को ग्लोबल फैक्ट्री बनाने में खास भूमिका निभा रहा है। एफमेक कन्वीनर कैप्टन एएस राना ने बताया कि टाटा, रिलायंस, वालमार्ट और फ्यूचर ग्रुप जैसी बड़ी कंपनियों ने चाइना से आयात पूरी तरह बंद कर दिया है। अब वे भारतीय प्रोडक्ट पर निर्भर हैं। यही कारण है कि हम घरेलू बाजार में लगातार ग्रोथ हासिल कर रहे हैं। अब वक्त है हम अपने प्रोडक्ट्स की क्वालिटी वैश्विक बाजार को ध्यान में रखकर विकसित करें। एफमेक उपाध्यक्ष गोपाल गुप्ता ने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि लैदर शू के निर्यात में आगरा की कुल भागीदारी 25 प्रतिशत है। वहीं घरेलू प्रोडक्शन में 65 प्रतिशत है। अब आगरा लगभग 15,000 करोड़ के कारोबारी लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है।

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