- बेसमेंट में संचालित हो रहा हॉस्पिटल
- घर में धुआं भरने से फंस गया परिवार
- एसएसपी सहित तमाम अधिकारी पहुंचे
आगरा। थाना शाहगंज के नरीपुरा स्थित आर मधुराज हॉस्पिटल में बुधवार तड़के पौने पांच बजे भीषण आग लगने से संचालक राजन सिंह, उनकी बेटी सिमरन उर्फ शालू (18) और छोटे बेटे ऋषि (14) की दम घुटने से मौत हो गई। इस हादसे से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। हॉस्पिटल बेसमेंट में संचालित हो रहा है। आग भूतल पर घर के बराबर में बनी दुकान के अंदर रखे फोम और अन्य सामान में लगी। घर में धुआं भरने से परिवार फंस गया था। यहां भर्ती मरीजों को तीमारदारों की मदद से बाहर निकाल लिया गया। काफी मशक्कत के बाद फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर काबू पाया। मौके पर एसएसपी सहित तमाम अधिकारी पहुंच गए। फॉरेंसिक टीम ने साक्ष्य जुटाए। बता दें कि बुधवार तड़केकरीब पौने पांच बजे दुकान के शटर की आवाज सुनकर हॉस्पिटल संचालक राजन के पिता गोपीचंद की आंख खुली। उन्होंने बताया कि वह बाहर आए तो दुकान के अंदर से घर की तरफ बने एसी लगाने की जगह (डक्ट) से आग की लपटें उठती देखीं। धुआं भी अंदर आ रहा था। उन्होंने मुख्य दरवाजा खोलकर दुकान का शटर उठाया। उसमें फोम में आग लगी थी। यह देखकर शोर मचाया। नाती लवी बाहर आ गया। कुछ देर बाद बेटा राजन और तेजवीर भी आ गए। हॉस्पिटल से कर्मचारी, मरीज और तीमारदार बाहर भाग गए। बाद में बहू निकलकर आई, लेकिन ऋषि और सिमरन बाहर नहीं आ सके। वह अंदर ही फंस गए। इसका पता चलने पर राजन अंदर गये, लेकिन वो भी धुएं में बेहोश हो गए। बाद में पुलिस आ गई। तब कहीं पहले राजन व सिमरन को बाहर लाए। बाद में ऋषि को निकाला गया। वह बाथरूम में पड़ा हुआ था। उन्हें अस्पताल ले गए, जहां तीनों को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। घटना से परिवार में कोहराम मच गया। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि हॉस्पिटल बेसमेंट में संचालित था। आग भूतल पर दुकान में रखे सामान में लगी थी। संचालक, उनके बेटे और बेटी की दम घुटने से मौत हुई है। दुकान के अंदर बिजली का बोर्ड जला हुआ था। प्रथम दृष्टया आग शॉर्ट सर्किट से लगी है। हादसे के कारण की जांच की जा रही है।
पिता की आंखों के सामने पुत्र, नाती व नातिन को खींच कर ले गई मृत्यु
आगरा। आर मधुराज हॉस्पिटल में लगी आग में बुजुर्ग पिता गोपीचंद की आंखों के सामने मृत्यु उनके पुत्र, नाती और नातिन को अपने साथ ले गई। धुएं में जो भी रह गया था, जीवित नहीं लौटा। तीन मौतों से परिवार में कोहराम मच गया। गोपीचंद रोते हुए यही कह रहे थे कि तीनों बच्चों को मृत्यु उनकी आंखों के सामने लेकर चली गई और वह कुछ नहीं कर सके। जिसने भी सुना वह दहल उठे।
राजन के पिता ने बताया कैसे हुआ था यह हादसा
आगरा। राजन के पिता गोपीचंद, पुरानी आबादी नरीपुरा के रहने वाले हैं। बेटे का नाम आते ही गोपीचंद बेतहाशा रोने लगते हैं। उन्होंने बताया कि राजन ने बीए किया था। वह शुरू से ही अस्पतालों में कंपाउंडर का काम करता था। वर्ष 2016 में घर के पास ही राजन ने अपना अस्पताल खोल लिया। बेसमेंट में अस्पताल चलता है, भूतल पर बने आवास में परिवार रहता है। प्रथम तल पर निर्माण कार्य चल रहा है। अस्पताल में कई चिकित्सक अपनी सेवाएं देते हैं। अस्पताल में मंगलवार को चार मरीज भर्ती थे।
नर्स व तीमारदारों की सूझबूझ से बच सकी मरीजों की जान
आगरा। प्रथम तल पर जिस तरह से आग की लपटें निकल रही थीं। उसके बेसमेंट तक पहुंचने की आशंका थी। रात्रि में रहने वाली नर्स स्नेहा ने बताया कि उनकी आंख खुली तो अस्पताल की लाइट चली गई थी। आग और धुआं दिखाई दे रहा था। उन्होंने सबसे पहले सभी मरीजों की ड्रिप निकाली। अस्पताल में भर्ती धनौली के नगला हनुमान निवासी शकुंतला के पुत्र सोनू और राकेश उनकी तीमारदारी में थे। दूसरे मरीज मोइनुद्दीन के भाई दीन मोहम्मद और मेडिकल स्टोर वाले प्रिंस इन सबने मिलकर सभी मरीजों को बाहर निकाला। बराबर में बने होटल की सबमर्सिबल चलाकर आग को काबू करने का भी प्रयास किया।
जान बचाने के लिए बाथरूम में छिप गया था मासूम ऋषि
आगरा। आग लगने के बाद आवास में धुआं भरने पर जान बचाने के लिए 14 वर्षीय ऋषि कमरे में बने बाथरूम में घुस गया था। उसने बाथरूम का दरवाजा बंद कर लिया था। परिवार के लोगों ने उसके नहीं मिलने पर खोजबीन शुरू की, दमकल कर्मी ऑक्सीजन मास्क लगा दो बार अंदर गए। कमरों में वह नहीं मिला, जिसके बाद उनकी नजर बाथरूम पर गई। उसका दरवाजा खोला तो फर्श पर पड़ा मिला।
मदद को दौड़े लोग, लपटों के बीच से पिता और बच्चों को निकाला
आगरा। नरीपुरा स्थित आर मधुराज हॉस्पिटल में बुधवार की सुबह जब आग लगी तो चीख-पुकार मच गई। हॉस्पिटल संचालक का परिवार घर में फंसा हुआ था। जान बचाने की गुहार लगा रहे थे। अंधेरा और धुआं मुश्किल बना हुआ था। इसके बाबजूद मदद के लिए कई लोग दौड़ आए। एक-एक करके अंदर फंसे सभी लोगों को बाहर निकाला। उम्मीद थी कि सभी सुरक्षित होंगे, लेकिन उन्हें डॉक्टर ने अस्पताल संचालक राजन और उनकी बेटी सिमरन और बेटा ऋषि को मृत घोषित कर दिया।
आग लगने के पीछे है साजिश मृतक के पिता ने लगाया आरोप
आगरा। मृतक के पिता गोपीचंद ने हॉस्पिटल परिसर में बनी दुकान में आग लगाने का आरोप लगाया है। इसके पीछे साजिश की आशंका जताई। पुलिस को भी अवगत कराया है, जिस पर पुलिस टीम जांच कर रही है। फॉरेंसिक एक्सपर्ट ने भी साक्ष्य संकलन किया है, जिस जगह पर आग लगी थी, वहां पर फोम मिली है। अब इसमें आग कैसे लगी यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हुआ है। एसपी सिटी विकास कुमार का कहना है कि जांच के बाद ही कुछ स्पष्ट होगा। मुख्य अग्निशमन अधिकारी अक्षय रंजन शर्मा का कहना है कि प्रथम दृष्टया मामला शॉर्ट सर्किट से आग लगने का लग रहा है।
बीटेक की छात्रा थी सिमरन
आगरा। परिजन ने बताया कि सिमरन ने इंटरमीडिएट करने के बाद बीटेक में एडमिशन लिया था। ऋषि कक्षा नौ का छात्र था। बेटा लवी भी डॉक्टर बनने की तैयारी कर रहा है। नीट की परीक्षा पास कर ली है।
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