- मंगलवार को एडीएम को सौंपा एक ज्ञापन
- यहां आने वाले पर्यटकों को होगी परेशानी
आगरा। ताजमहल की 500 मीटर की परिधि में व्यावसायिक गतिविधियों पर सुप्रीम कोर्ट की रोक है। एडीए ने दुकानदारों को 17 अक्टूबर का समय दिया है, जिसे पूरा होने में पांच दिन बाकी हैं। इसके बाद क्या होगा, इसको सोच-सोचकर ताजगंज के लोग घुट-घुटकर जी रहे हैं। इस बीच बुधवार से ताजगंज में अनिश्चितकालीन बंदी होने जा रही है। व्यापारियों ने मंगलवार को एडीएम प्रोटॉकोल को एक ज्ञापन भी सौंपा। ताजमहल देखने आने वाले पर्यटकों को चाय और पानी के लिए भी तरसना पड़ सकता है।
बता दें कि ताज पश्चिमी गेट मार्केट एसोसिएशन की जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल की चहारदीवारी से 500 मीटर की परिधि में व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगाने का आदेश 26 सितंबर को दिया था। एडीए ने इसके अनुपालन में क्षेत्रीय व्यापारियों को 17 अक्टूबर तक का समय व्यावसायिक गतिविधियों को बंद करने को दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कोई डेटलाइन नहीं होने की वजह से एडीए द्वारा समय सीमा तय किए जाने के विरोध में क्षेत्रीय व्यापारियों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। सोमवार शाम को उन्होंने ताजगंज में कैंडिल मार्च किया तो मंगलवार को संघर्ष समिति और ताजगंज डवलपमेंट फाउंडेशन के प्रतिनिधिमंडल ने एडीए प्रोटॉकोल को एक ज्ञापन दिया। व्यापारियों ने बुधवार से ताजगंज में अनिश्चितकालीन का ऐलान किया है। इसके लिए बाजार में ताजगंज डवलपमेंट फाउंडेशन द्वारा संपर्क किया गया।
आज से बाजार बंद होने पर ताजमहल देखने आने वाले पर्यटकों को 500 मीटर की परिधि में चाय और पानी को भी तरसना पड़ेगा। ताजगंज डवलपमेंट फाउंडेशन के अध्यक्ष नितिन सिंह ने बताया कि एडीए ने अगर निर्धारित समयावधि में छूट नहीं दी तो इस बार ताजगंज के लोगों की दीपावली काली हो जाएगी। एडीए को इस दिशा में सोचना चाहिए। 500 मीटर की परिधि के लोगों को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने को कुछ समय देना चाहिए। ताजमहल के पास करीब 400 साल से गतिविधियां चल रही हैं। इससे करीब 50 हजार लोग बेरोजगार हो जाएंगे।
एडीए की कार्रवाई के विरोध में ताजमहल की 500 मीटर की परिधि में चल रही दुकानों को व्यापारियों ने बुधवार से अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का निर्णय लिया है। ताजगंज वेलफेयर फाउंडेशन की अध्यक्ष एडवोकेट शालिनी शर्मा ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को ताजगंज के लोगों की कोई फिक्र नहीं है। वह ताजगंज के लोगों के उजड़ने का इंतजार कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में भी ताजगंज में व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगाने का आदेश नहीं दिया था, केवल अतिक्रमण हटाने को कहा था। आदेश की गलत व्याख्या एडीए कर रहा। दुकानदारों का कहना है कि अगर एडीए ने अपनी हठधर्मिता नहीं छोड़ी तो इस बार सैकड़ों परिवारों की दीपावली काली हो जाएगी।
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