- बारिश के चलते स्थानीय स्तर पर फसल खराब होने से मंडियों में आवक नहीं हो पा रही
- कमल बैंगलुरू और दिल्ली से मंगाया जा रहा, गेंदा-गुलाब उज्जैन और नागदा से आ रहा
आगरा। दीपावली पर फूलों की महक भी महंगी हो गई है। अक्टूबर के महीने में होती रही बारिश के चलते स्थानीय स्तर पर फसल खराब होने से मंडियों में आवक नहीं हो पा रही है। व्यापारी दूसरे शहरों से फूल मंगा रहे हैं। पिछले साल के मुकाबले इस बार तीस-चालीस प्रतिशत आर्डर व्यापारियों को कम मिले हैं। इसके चलते माना जा रहा है कि इस बार गेंदा फूल का दाम बाजार में ज्यादा रह सकता है, वहीं कमल के दाम खास नहीं बढ़ेंगे।
आगरा और आसपास के जिलों में दीपावली से पहले किसान गेंदा फूल की खेती करते हैं। पौध इस बार सही समय पर रोपी गयी थी लेकिन अक्टूबर में छह दिन तक लगातार बारिश के बाद खेतों में पानी भर जाने से पौधे खराब हो गए। जो पौधे टिके भी, वे समय पर फूल नहीं दे पाए हैं। रुनकता से रायभा रोड पर ज्यादातर खेतों में गेंदा की पैदावार होती है। किसान हुकुम सिंह ने बताया कि इस बार ज्यादातर किसान परेशान हैं, पौधों में अभी फूल नहीं आया है। जो कुछ आया भी, उसकी पत्ती में कालापन आ गया है। वहीं मथुरा के गांव राल, मघेरा, नगला हेमराज, भोगांव, बिरला मंदिर, मुर्शिदाबाद और वृंदावन के खादर में करीब ढाई तीन हजार हेक्टेयर में फूलों की खेती होती है जो पिछले दिनों वर्षा और यमुना में जलस्तर बढ़ने से खराब हो गई। स्थानीय स्तर पर फूल नहीं आ रहे हैं। दीपावली पर गेंदा ओर गुलाब का फूल महंगा हो गया है।
कमल बैंगलुरू और दिल्ली से मंगाया जा रहा है। गेंदा और गुलाब उज्जैन और नागदा से आ रहा है। पिछले साल गेंदा 30-35 रुपये किलो के हिसाब से मिला था, जो अब 55-40 रुपये किलो के हिसाब से बिका है। इस बार फुटकर में 60-65 रुपये किलो तक उज्जैन और नागदा से मिल रहा है। इसलिए गेंदा महंगा है। गुलाब 90 रुपये किलो मिल रहा है, जो 110 रुपये किलो तक फुटकर में बिक रहा है। फूल व्यापारी चीनी ने बताया, पिछले साल फूल सस्ता था और आर्डर खूब मिल थे। इस बार महंगा होने के कारण आर्डर में कमी आ गई है। जो फूल दूसरे जिलों से मंगाया जा रहा है। उसमें 70 प्रतिशत फूल यहां आने तक खराब हो रहा है। यही कारण है कि व्यापारी भी कम फूल मंगा रहे हैं।
0 टिप्पणियाँ