- ठेकेदारों की मांग पर बीयर और अंग्रेजी-देशी सबके दाम बढ़ेंगे
- दुकानों के बंद होने का समय भी रात ११ बजे होने की उम्मीद
आगरा 14 जनवरी 2023। आगामी एक अप्रैल से लागू होने वाली नई आबकारी नीति सुरूर के शौकीनों को करंट के साथ कुछ राहत भी देगी क्योंकि एक तरफ जहां दुकानों के बंद होने का समय एक घंटा बढ़ाकर रात दस बजे के बजाय रात 11 बजे किये जाने की संभावना है तो बीयर से लेकर अंग्रेजी और देशी शराब के दाम बढ़ना भी तय है।
प्रदेश के आबकारी ठेकेदारों की एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने आबकारी मंत्री से मुलाकात के दौरान अपनी 11 सूत्रीय मांगों में यह दोनों मुद्दे प्रमुखता से उठाये हैं। इसके पीछे एसोसिएशन का विभागीय मंत्री के समक्ष तर्क था कि पिछले छह साल में लाइसेंस फीस और कोटा करीब करीब डबल होने के साथ ही दुकानों के खर्चे कई गुना बढ़ गये हैं लेकिन शराब के दाम न बढ़ने के कारण आबकारी ठेकेदारों का मार्जन अंग्रेजी शराब में 18 फीसद से घटकर ११ फीसद तक आ गया है वहीं देशी शराब की दुकानों पर इसका आंकड़ा घटकर 14 से 8 फीसद तक जा पहुंचा है। जबकि कोरोना काल में बीयर के दामों में 10 से 20 रुपये तक कमी किये जाने से बीयर दुकानों का भी मार्जन (मुनाफा) कम ही हुआ है। सूत्रों के मुताबिक आबकारी विभाग से लेकर शासन तक इन दोनों बिन्दुओं पर गंभीरता से विचार-विमर्श किया जा रहा है।
नवीनीकरण और लॉटरी पर मंथन जारी
आगामी एक अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए शराब की दुकानों का नवीनीकरण ही होगा या नये सिरे से सभी दुकानों के लिए लॉटरी डाली जाएगी, इसे लेकर अभी आबकारी मुख्यालय और शासन के बीच मंथन जारी है। संभावना है कि जनवरी के तीसरे सप्ताह में नई आबकारी नीति की घोषणा हो सकती है। यूपी में आखिरी दफा वर्ष २०१७ में दुकानों के लिए लॉटरी डाली गयी थी उसके बाद पिछले पांच साल से दुकानों की लॉटरी नहीं हुई है, बल्कि पुरानी दुकानों का ही नवीनीकरण किया जा रहा है। हालांकि सभी लाइसेंसी चाहते हैं कि इस दफा भी नवीनीकरण ही कर दिया जाए लेकिन शासन नये सिरे से लॉटरी पर भी विचार कर रहा है क्योंकि लॉटरी में दुकानों के आवेदन शुल्क से ही सरकार करोड़ों रुपये का राजस्व जुटा लेती है। जबकि नवीनीकरण में सरकार के कोष में सिर्फ बढ़ी हुई लाइसेंस फीस और कोटे में होने वाले इजाफे का ही राजस्व पहुंचता है।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार शराब से मिलने वाले राजस्व को अधिक बढ़ाने के लिए प्रयासरत है इसलिए जिला स्तर पर दुकानों की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है। शुक्रवार को आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने भी सभी जोन और जिलों के विभागीय अधिकारियों को राजस्व बढ़ाने के लिए निर्देशित किया है।
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