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तपन ग्रुप पर आयकर विभाग की छापेमारी

  •  आगरा के अलावा दिल्ली और अन्य जिलों की टीमें लगाई गईं



आगरा। जनकपुरी आयोजन में बड़ा खर्च करने वाले एक बार फिर आयकर विभाग के शिकंजे में हैं। दयालबाग में पिछले माह सितम्बर में ही सजी जनकपुरी महोत्सव सम्पन्न हुआ था। अभी एक माह भी नहीं बीता कि आयकर विभाग ने जनकपुरी महोत्सव समिति के अध्यक्ष व तपन एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन सुरेश चंद्र गर्ग के व्यवसायिक और रिहायशी परिसरों पर सोमवार की सुबह छापामार दिया। छापे में आगरा के अलावा दिल्ली और आसपास के शहरों के अधिकारी शामिल हैं।  

  आगरा के बड़े उद्यमियों में शुमार तपन ग्रुप के मालिक सुरेश चंद्र गर्ग के यहां सोमवार को सुबह आयकर विभाग की टीम ने छापा मारा। तपन ग्रुप के दफ्तर पर आयकर विभाग की टीम सुबह 10 बजे पहुंची। कार्यालय में घुसते ही टीम ने मैन गेट बंद करा दिया। किसी को बाहर और अंदर आने की इजाजत नहीं दी जा रही है। टीम ने कार्यालय को पूरी तरह से सील कर लिया। पुलिसकर्मियों ने दफ्तर आ रहे सभी कर्मचारियों का प्रवेश रोक दिया। रुनकता स्थित फैक्ट्री में भी टीम छानबीन कर रही है। टीम दो गाड़ियों में आई है, जिसमें एक दिल्ली के नंबर की इनोवा, दूसरी गाड़ी पर पड़ोसी जिले का नम्बर है। दिल्ली से आई टीम ने दयालबाग स्थित कार्यालय और रुनकता स्थित फैक्ट्री पर एक साथ दो जगहों पर छापा मारा। तपन ग्रुप बड़े पैमाने पर घी का कारोबार करता है। कई तरह की ब्रांड के घी का यहां उत्पादन एवं ट्रेडिंग की जाती है। ग्रुप के चेयरमैन सुरेशचंद्र गर्ग और मैनेजिंग डायरेक्टर उनके बेटे संदीप गर्ग हैं। उनका कारोबार आगरा के अलावा राजस्थान, दिल्ली समेत कई प्रांतों में फैला है। आयकर विभाग की टीम द्वारा उनके कागजातों की जांच की जा रही है। मालिक से भी पूछताछ की गई। तपन ग्रुप आगरा के सबसे बड़े घी कारोबारियों में से एक है। उनके यहां घी के कई नामचीन ब्रांड बनाए जाते हैं।

गौरतलब है कि दयालबाग में वर्ष 2014 में भी जनकपुरी महोत्सव का आयोजन हुआ था। उसके कुछ समय बाद तत्कालीन समिति के अध्यक्ष के यहां भी आयकर विभाग ने कार्रवाई की थी। इससे पहले भी कमलानगर व अन्य स्थानों पर सजी जनकपुरी के कर्ता-धर्ता भी आयकर विभाग के शिकंजे में फंसते रहे हैं। इस बार जनकपुरी के पदाधिकारियों ने समाचार पत्रों में सार्वजनिक तौर पर कहा था कि वे नया प्रयोग कर रहे हैं और जनता से महोत्सव के लिए चंदा न लेकर पदाधिकारियों से ही सहयोग राशि ली जा रही है। इसके बाद ही यह चर्चा तेजी से फैली थी कि दो प्रमुख पदाधिकारियों ने महोत्सव में सर्वाधिक धनराशि खर्च की। इस चर्चा के बाद ही जनकपुरी के प्रमुख पदाधिकारी आयकर विभाग के रडार पर आ गए थे। विभागीय सूत्रों का कहना है कि स्थानीय स्तर पर जानकारियां जुटा कर दिल्ली स्थित मुख्यालय को भी अवगत कराया गया और इसके बाद ही छापे की योजना बनाई गई। छापे की योजना को गोपनीय बनाए रखने के लिए दिल्ली और आसपास के जिलों के आयकर कार्यालयों से भी टीमों को बुला लिया गया। सुबह एक साथ दयालबाग स्थित कार्यालय, निवास, रुनकता स्थित फैक्ट्री समेत सात-आठ परिसरों पर छापे की कार्रवाई शुरू की गई। बड़े पैमाने पर चल रही इस जांच के दो-तीन दिन में पूरी होने की संभावना है।

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