आगरा 10 नवम्बर 2025। जब नवाचार उद्देश्य से मिलता है, तब परिवर्तन की शुरुआत होती है। ब्लू प्लानेट एनवायर्नमेंटल सॉल्यूशंस प्रा. लि. (ब्लू प्लानेट), जो सतत वेस्ट मैनेजमेंट और सर्कुलर इकॉनमी टैकनोलजी में एक ग्लोबल लीडर कंपनी है, ने भारत में संसाधन पुनर्प्राप्ति को नए सिरे से परिभाषित करने के अपने मिशन में एक और साहसिक कदम उठाया है। कंपनी ने अपनी हरियाणा और कर्नाटक स्थित सहायक कंपनी पेगासस वेस्ट मैनेजमेंट प्रा. लि. का अधिग्रहण और एकीकरण कर लिया है, जो अब ब्लू प्लानेट ई-वेस्ट सॉल्यूशंस प्रा. लि. के रूप में कार्य करेगी।
यह रणनीतिक कदम भारत में ई-वेस्ट प्रबंधन क्षेत्र में ब्लू प्लानेट की स्थिति को और मजबूत बनाता है। इस बदलाव के साथ कंपनी ने तकनीक, नियामक अनुपालन और स्थिरता को एकीकृत करते हुए एक स्पष्ट और उद्देश्यपूर्ण पहचान स्थापित की है। यह कंपनी की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो पूरे देश में पारदर्शी, संगठित और विस्तारित की जा सकने वाली रीसाइक्लिंग एवं रिफर्बिशिंग प्रणाली के निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम है।
भारत आज विश्व के शीर्ष पाँच ई-वेस्ट उत्पन्न करने वाले देशों में शामिल है। तेजी से बढ़ रहे फेंके गए इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद एक बड़ी पर्यावरणीय चुनौती के साथ-साथ जिम्मेदार रीसाइक्लिंग और सर्कुलर प्रथाओं के माध्यम से मूल्यवान संसाधनों की पुनर्प्राप्ति का एक महत्वपूर्ण अवसर भी प्रस्तुत करते हैं। ब्लू प्लानेट ई-वेस्ट सॉल्यूशंस इस परिवर्तन का नेतृत्व करने के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी अत्याधुनिक तकनीक आधारित प्लेटफ़ॉर्म विकसित कर रही है जो ई-वेस्ट के प्रबंधन, मरम्मत, रीसाइक्लिंग, अपसाइक्लिंग और उपयोगी पुर्ज़ों के पुन: उपयोग को सक्षम बनाएगा।
कंपनी उत्पादों के जीवन चक्र को बढ़ाने के लिए उन्हें दोबारा उपयोग योग्य बनाती है (रिफर्बिशमेंट के माध्यम से), गैर-रिफर्बिशेबल वस्तुओं से उपयोगी पुर्ज़े निकालती है, और शेष हिस्सों को जिम्मेदारीपूर्वक अलग कर रीसाइक्लिंग करती है — जिससे मूल्यवान धातुएं और प्लास्टिक पुनः विनिर्माण आपूर्ति श्रृंखला में शामिल किए जा सकें।
ब्लू प्लैनेट ई-वेस्ट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (पूर्व में पेगासस वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड) के सीईओ, श्री रवि कुमार नीलाद्रि ने कहा: “तकनीक-प्रधान दुनिया में ई-वेस्ट का उत्पन्न होना स्वाभाविक है, लेकिन हम इसे कैसे प्रबंधित करते हैं, यही हमारे सामूहिक भविष्य को तय करता है। भारत में अब रीसाइक्लिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता, ट्रेसबिलिटी और स्थिरता को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। ब्लू प्लैनेट ई-वेस्ट सॉल्यूशंस में हम इन मूल सिद्धांतों को अपनी हर प्रक्रिया में शामिल कर रहे हैं — ट्रैसेबल एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पॉन्सिबिलिटी (EPR) क्रेडिट्स सुनिश्चित करके, केवल मान्यता प्राप्त और संगठित चैनलों से संग्रह करके, उपकरणों की उम्र बढ़ाकर, और पुनर्चक्रित एल्युमिनियम एवं अन्य उपयोगी सामग्रियों को मूल उपकरण निर्माताओं (OEMs) तक वापस पहुँचाकर।”
ब्लू प्लैनेट ई-वेस्ट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (पूर्व में पेगासस वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड) के चेयरमैन, श्री गौरव गुप्ता ने कहा, “पेगासस ने गुणवत्ता और विश्वसनीयता की एक मजबूत नींव तैयार की थी। अब ब्लू प्लैनेट का हिस्सा बनने के बाद, हमने अपनी परिचालन क्षमता को दोगुना से अधिक बढ़ाया है, उत्पादन दक्षता में सुधार किया है, और विभिन्न उद्योगों में अपने ग्राहकों और साझेदारों के नेटवर्क का विस्तार किया है। हम मिलकर भारत की रीसाइक्लिंग वैल्यू चेन में ठोस प्रभाव ला रहे हैं और एक सच्ची सर्कुलर इकॉनमी के निर्माण में योगदान दे रहे हैं।”
ब्लू प्लैनेट एनवायरनमेंटल सॉल्यूशंस के सह-संस्थापक और सीईओ, श्री प्रशांत सिंह ने कहा,“ब्लू प्लैनेट ई-वेस्ट सॉल्यूशंस की शुरुआत हमारे मिशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है — भारत में एक पारदर्शी और डेटा-आधारित रीसाइक्लिंग इकोसिस्टम विकसित करने के लिए। यह एकीकरण न केवल संगठित रीसाइक्लिंग क्षेत्र में हमारी नेतृत्व भूमिका को मजबूत करता है, बल्कि जिम्मेदार और टिकाऊ संसाधन पुनर्प्राप्ति के प्रति हमारे दीर्घकालिक संकल्प को भी दोहराता है।”
ब्लू प्लैनेट ई-वेस्ट सॉल्यूशंस के पास वर्तमान में बिनोला (गुरुग्राम) और होसकोटे (बेंगलुरु) में दो आधुनिकतम सुविधाएँ हैं, जो उच्च दक्षता, विस्तार क्षमता और पर्यावरणीय अनुपालन को ध्यान में रखकर विकसित की गई हैं।
बिनोला सुविधा की स्वीकृत क्षमता 13,000 मीट्रिक टन प्रतिवर्ष है, जिसे 40,000 मीट्रिक टन तक बढ़ाया जा सकता है। यह केंद्र बड़े पैमाने पर ई-वेस्ट प्रोसेसिंग और पुनर्प्राप्ति (रिकवरी) में सक्षम है। होसकोटे सुविधा 10 एकड़ क्षेत्र में फैली है और वर्तमान में 16,900 मीट्रिक टन ई-वेस्ट प्रतिवर्ष संसाधित करती है। कंपनी को कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अतिरिक्त 25,000 मीट्रिक टन प्रति वर्ष की क्षमता के लिए स्वीकृति प्राप्त करने की प्रक्रिया में है। यह केंद्र भारत के सबसे उन्नत एकीकृत ई-वेस्ट रीसाइक्लिंग केंद्रों में से एक बन जाएगा।
इन दोनों सुविधाओं के माध्यम से ब्लू प्लैनेट जिम्मेदार संसाधन पुनर्प्राप्ति (रिसोर्स रिकवरी) के अपने विज़न को आगे बढ़ा रहा है, जिसमें बेकार हो चुके इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों को मूल्यवान द्वितीयक संसाधनों में बदला जा रहा है, साथ ही पर्यावरणीय प्रभाव को कम करते हुए लैंडफिल पर निर्भरता घटाई जा रही है।

0 टिप्पणियाँ