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कोका-कोला इंडिया फाउंडेशन – आनंदना और ‘से अर्थ’ के संयुक्त प्रयासों से ब्रज के पवित्र किशोरी कुंड को किया गया पुनर्जीवित



  • समाज के साथ मिलकर उठाए गए रीस्टोरेशन के प्रयासों से 18,000 वर्ग मीटर का पवित्र कुंड पुन: अपने सांस्कृतिक एवं पर्यावरणीय महत्व के साथ अपने आकार में लौटा, 48 करोड़ लीटर के लगभग है इस कुंड की क्षमता

मथुरा 3 दिसंबर 2025। दिसंबर, 2025: कोका-कोला इंडिया फाउंडेशन – आनंदना ने ‘से अर्थ’ के साथ मिलकर बरसाना के नजदीक पिसावा गांव के पवित्र किशोरी कुंड को पुनर्जीवित किया है। वर्षों तक सीवेज के बहाव और कचरा जमने के कारण यह कुंड अपने वास्तविक स्वरूप को खो चुका था। अब समाज के प्रयासों और रीस्टोरेशन के वैज्ञानिक तरीकों की मदद से इसे पुनर्जीवित किया गया है। सरकार के जल समृद्ध भारत मिशन के अनुरूप इस पहल से स्थानीय स्तर पर जल सुरक्षा की स्थिति मजबूत हुई है, इसका ऐतिहासिक महत्व बढ़ा है और स्वच्छ एवं सम्मानजनक तरीके से पानी तक लोगों की पहुंच बेहतर हुई है।



    वर्षों से किशोरी कुंड की स्थिति बहुत खराब थी। बहते नालों और इसमें गिरने वाले कचरे के कारण इसका जल सांस्कृतिक एवं पर्यावरण की दृष्टि से उपयोगी नहीं रह गया था। स्थानीय निवासी और मंदिर के कर्मी कहते हैं कि कुंड की आध्यात्मिक महत्ता खो गई थी और यह पक्षियों, अन्य जानवरों व आसपास के लोगों के लिए भी असुरक्षित बन गया था।
    ‘से अर्थ’ और आनंदना ने साथ मिलकर 18,000 वर्ग मीटर के किशोरी कुंड का मूल्यांकन किया और ग्राम पंचायत, जिला प्रशासन एवं स्थानीय लोगों के साथ मिलकर इसे रीस्टोर करने की बड़ी योजना तैयार की। इस प्रक्रिया में कुंड से गाद निकालने, कचरा हटाने, वाटर ट्रीटमेंट के जरिये इसमें गिरने वाले नालों के पानी को साफ करने, किनारों को मजबूत करने और आसपास की बसावट को सुधारने के कदम उठाए गए। इन प्रयासों से पानी की गुणवत्ता सही हुई और कुंड ने स्थानीय निवासियों एवं यहां आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान के रूप में पुन: अपनी पहचान बनाई है।
    ब्रज की निवासी राधा सर्वेश्वर कहती हैं, ‘पहले कुंड बहुत बुरी हालत में था और यहां आना किसी को भी अच्छा नहीं लगता था। रीस्टोरेशन के बाद से हर शाम लोग यहां बैठने, बात करने और साथ समय बिताने आते हैं। यह जगह अब शांत और खूबसूरत लगती है। इससे गांव में पुन: गर्व की भावना का संचार हुआ है।’
    भारत के पॉन्ड मैन एवं ‘से अर्थ’ के संस्थापक रामवीर तंवर ने कहा, ‘यह प्रोजेक्ट समाज के साथ मिलकर किए जाने वाले रीस्टोरेशन के प्रयासों का प्रमाण है। आनंदना के समर्थन से हमने सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण इस कुंड को पुनर्जीवित किया है और ऐसी व्यवस्था तैयार की है, जिससे आगे भी इसकी सुरक्षा हो सके।’
    कोका-कोला इंडिया एंड साउथवेस्ट एशिया की वाइस प्रेसिडेंट – पब्लिक अफेयर्स, कम्युनिकेशंस एंड सस्टेनेबिलिटी देवयानी राणा ने कहा, ‘जल संरक्षण की हमारी पहल के केंद्र में स्थानीय समुदाय हैं। ‘से अर्थ’ के साथ आनंदना की साझेदारी के माध्यम से हम स्थानीय स्तर पर जल सुरक्षा को मजबूती देने और किशोरी कुंड जैसे ऐतिहासिक महत्व के जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए काम कर रहे हैं। यह रीस्टोरेशन दिखाता है कि कैसे समाज के नेतृत्व और मजबूत साझेदारियों के समर्थन वाले साझा प्रयासों से पानी तक पहुंच को बेहतर किया जा सकता है, पर्यावरण संरक्षण किया जा सकता है और भविष्य की पीढ़ियों के लिए सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों को संरक्षित किया जा सकता है।’
    यह पहल कोका-कोला इंडिया के रिफ्रेशिंग डिफरेंस कैंपेन का हिस्सा है, जिसमें जिम्मेदारी के साथ वाटर मैनेजमेंट, वाटरशेड हेल्थ एवं सामुदायिक सहभागिता पर फोकस किया जाता है। जमीनी स्तर पर काम कर रहे संगठनों के साथ मिलकर आनंदना का लक्ष्य जल सुरक्षा (वाटर सिक्योरिटी) की स्थिति को बेहतर करना, स्थानीय स्तर पर साफ पानी तक पहुंच बढ़ाना और देश में पर्यावरण के अनुकूल परिणामों में सहयोग करना है।

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