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Truecaller ने भारत में मुफ्त वॉइसमेल सेवा लॉन्च की, अनचाहे कॉल्स से मिलेगी राहत



  • तुरंत AI ट्रांसक्रिप्शन और बिल्ट-इन स्पैम व स्कैम सुरक्षा के साथ एक बिल्कुल नया, मुफ्त और डिवाइस-नेटिव वॉइसमेल अनुभव

आगरा 19 दिसंबर 2025। ट्रूकॉलर ने आज भारत में एंड्रॉइड उपयोगकर्ताओं के लिए एक मुफ्त और शक्तिशाली AI-संचालित वॉइसमेल अनुभव लॉन्च किया, जिसमें तुरंत ट्रांसक्रिप्शन और स्वचालित स्पैम सुरक्षा शामिल है। पारंपरिक वॉइसमेल के विपरीत, संदेश सीधे डिवाइस पर स्टोर होते हैं, जिससे रिकॉर्डिंग्स पर पूर्ण नियंत्रण और गोपनीयता सुनिश्चित होती है। इसमें स्मार्ट कॉल वर्गीकरण(कैटेगरी), स्पैम फ़िल्टरिंग, समायोज्य(एडजस्टेबल) प्लेबैक स्पीड और 12 भारतीय भाषाओं में AI-संचालित वॉइसमेल ट्रांसक्रिप्शन की सुविधा भी शामिल है। ट्रूकॉलर उपयोगकर्ता अपने ट्रूकॉलर ऐप में केवल कुछ सेकंड में मुफ्त में अनलिमिटेड वॉइसमेल सेट कर सकते हैं।
    वॉइसमेल को कॉलिंग अनुभव के केंद्र में रखकर, ट्रूकॉलर अपनी स्थिति को एक दैनिक उपयोग वाले संचार प्लेटफ़ॉर्म के रूप में मजबूत कर रहा है और स्पैम और धोखाधड़ी के खिलाफ अपनी लड़ाई को और प्रभावशाली बना रहा है।
    ट्रूकॉलर वॉइसमेल के साथ, यूज़र्स बिना वॉइसमेल नंबर डायल किए या PIN याद रखे, सीधे अपने डिवाइस पर मैसेज रिकॉर्ड, स्टोर और प्ले कर सकते हैं। यह फीचर कई भारतीय भाषाओं का समर्थन करता है, जिससे व्यक्तिगत अनुभव और स्थानीय प्रासंगिकता बढ़ती है। यह फीचर 12 भारतीय भाषाओं में ट्रांसक्रिप्शन का समर्थन करता है, जिनमें हिंदी, बंगाली, मराठी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, गुजराती, नेपाली, पंजाबी, संस्कृत और उर्दू शामिल हैं। वॉइसमेल कुछ ही सेकंड में ट्रांसक्रिप्ट हो जाती है, जिससे कोई भी अपने संदेशों को गोपनीय रूप से पढ़ सकता है या ऐसे समय में देख सकता है जब सुनना सुविधाजनक न हो।
    “पारंपरिक वॉइसमेल संचार के एक बिल्कुल अलग दौर के लिए बनाई गई थी,” ट्रूकॉलर के सीईओ, ऋषित झुंझुनवाला ने कहा। “ट्रूकॉलर वॉइसमेल के साथ, हम बुनियादी रूप से यह सोच रहे हैं कि वॉइस मैसेज रोज़मर्रा की जिंदगी में कैसे फिट होते हैं — इन्हें मुफ्त, डिवाइस-नेटिव और कॉलिंग अनुभव में सहजता से एकीकृत किया जा रहा है। डिवाइस पर स्टोरेज, तुरंत ट्रांसक्रिप्शन, स्पैम सुरक्षा और कई भारतीय भाषाओं के समर्थन के साथ, हम पुराने सिस्टम की बाधाओं और सीमाओं को हटा रहे हैं। यह एक अधिक समावेशी, सहज और भरोसेमंद संचार व्यवस्था बनाने की दिशा में एक कदम है —जो आज लोगों के वास्तविक संवाद करने के तरीके के अनुसार काम करती है।”

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