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एडीए ने फाड़े नरक पुरी, घिनौना नगर के पोस्टर

  • एडीए सचिव बोलीं, पैसा जमा कराओ तभी होगा डेवलपमेंट 


आगरा। आगरा में क्रिकेटर दीपक चाहर समेत कई कॉलोनी में 14 साल से सड़क और मूलभूत सुविधाओं के पूरा न होने पर लोगों ने अपनी कॉलोनी का नाम बदल कर घिनौना नगर, नरकपुरी आदि रख दिया था। अमर भारती समेत विभिन्न समाचार पत्रों में यह खबर प्रमुखता से प्रकाशित हुआ। इसके बाद एडीए की नींद टूटी और सोमवार को अधिकारी कॉलोनी में पहुंचे। उन्होंने लोगों की समस्या समाधान कराने की बजाए कालोनी के बदल गए नाम के बोर्ड और पोस्टर फाड़ दिए। इससे लोगों में आक्रोश है। आगरा के दौरेठा नंबर एक और दो की करीब आधा दर्जन कालोनियां के लोग लंबे समय से परेशान हैं। इनकी परेशानी का कारण क्षेत्र में विकास नहीं होना है। लोगों ने बताया था कि उनके इलाके में सालों से विकास कार्य नहीं हुए हैं। कालोनी में सैकड़ों मकान हैं। मगर, इसके बाद भी प्रशासन द्वारा इलाके की अनदेखी की जा रही है।

उनका क्षेत्र अभी नगर निगम की सीमा में नहीं आता है। ऐसे में पूरा क्षेत्र उपेक्षित है। घरों के सामने से नाला बह रहा है। गंदगी का अंबार रहता है। करीब 14 साल से लोग एडीए से लेकर जनप्रतिनिधियों के चक्कर काट कर थक गए हैं। मगर, आश्वासन के अलावा कुछ नहीं हुआ।कालोनी की सड़क का प्रस्ताव 2008 में पास हुआ था। ढाई करोड़ रुपए भी स्वीकृत हो गए। मगर, सड़क का निर्माण आधा हुआ और ठेकेदार को भुगतान कर दिया। उसके बाद से सड़क नहीं बनी। पंचशील कॉलोनी मे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर दीपक चाहर का मकान है।

उनकी मां यहीं पर रहती हैं। उनके चचेरे भाई राहुल चाहर का मकान भी पहले यहीं था। इसके बाद भी उनकी कॉलोनी में कोई काम नहीं हुआ। इसके बाद परेशान होकर ही लोगों ने अपने कॉलोनियों के नाम बदल दिए थे। क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि सोमवार सुबह एडीए सचिव गारिमा सिंह पुलिस के साथ उनके इलाके में आईं। लोगों को लगा कि उनकी समस्या का समाधान हो जाएगा। मगर, एडीए के अधिकारियों ने उनसे पोस्टर हटाने को कहा। इस पर लोगों ने मना कर दिया।

स्थानीय निवासी प्रहलाद सिंह ने बताया कि लोगों के पोस्टर हटाने से इनकार करने पर पुलिस और एडीए के कर्मचारियों ने पोस्टर फाड़ दिए। एडीए सचिव का कहना था कि एडीए ने यहां पर कोई रोड स्वीकृत नहीं की है। लोगों ने उन्हें बताया भी कि 2008 में जनकपुरी के दौरान रोड स्वीकृत हुई थी। मगर, उन्होंने इसे नहीं माना। एडीए सचिव का कहना था कि पहले यहां के लोग डवलपमेंट चार्ज जमा करें, इसके बाद ही यहां पर रोड बनाया जाएगा। लोगों का कहना है कि जब विकास हुआ ही नहीं तो डवलपमेंट चार्ज किस बात का। एडीए रोड बनाएं, इसके बाद वो लोगों से डवलपमेंट चार्ज लेने का हकदार है।

ये रखे थे कॉलोनियों के नाम

नरक पुरी, नाला सरोवर कालोनी, कीचड़ नगर, दुर्गंधशील कॉलोनी, बदबू विहार, घिनौना नगर।


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