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मजेदार लर्निंग वर्कशॉप में बच्चों ने सीखा ड्राइवरलेस व्हीकल बनाना

  • द फ्यूचर ऑफ मोबिलिटी वर्कशॉप में बच्चों को ट्रेनिंग



आगरा। एक मजेदार एक मजेदार लर्निंग वर्कशॉप में शुक्रवार को बच्चों ने एक लोकप्रिय माइक्रो कंट्रोलर बोर्ड अरडिनो का उपयोग करके अपने स्वयं के ड्राइवरलेस व्हीकल को बनाया और उसे प्रोग्राम भी किया। बच्चों को ट्रांसपोटेशन और ऑटोमोबाइल पर अपने ज्ञान को बढ़ाने में मदद की गई। बिगिनआईटी ने आगरा में ग्रामीण स्कूलों के बच्चों के लिए एक दिवसीय इंर्फोमेशन टेक्नोलॉजी (आईटी) स्किल वर्कशॉप का आयोजन किया। 



वर्ष 2012 में इनड्राइव द्वारा शुरू किए गए एक सोशल एजुकेशनल प्रोग्राम के तहत इस वर्कशॉप का लक्ष्य बच्चों को फोर व्हील रोबोटिक्स के विभिन्न मेकेनिज्म और उनकी प्रोग्रामिंग के बारे में सिखाना था। बिगिनआईटी प्रोग्राम दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती ऑनलाइन राइड-हेलिंग सेवा इनड्राइव की एक पहल है। कार्यक्रम का उद्देश्य नई टेक्नोलॉजी के उपयोग की समझ रखने वाले अनाथालयों, बोर्डिंग स्कूलों और ग्रामीण स्कूलों के सक्षम बच्चों को पहचान कर और उनका मार्गदर्शन करना है। दुनिया भर के 15 देशों के 1,300 से अधिक पार्टिसिपेंट्स के साथ जुड़ा हुआ है। भारत में तीन ग्रामीण स्कूलों  लोकद्रश पब्लिक स्कूल, महर्षि परशुराम शिक्षण संस्थान एका फिरोजाबाद और कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय, फिरोजाबाद, आगरा से बिगिनआईटी परियोजना जुड़े हुए हैं। इनके कुल 42 छात्रों ने रोबोमेनिया वर्कशॉप में भाग लिया, जो कि एक एडटेक कंपनी टिंकरली के साथ आयोजित की गई थी। यह कंपनी स्कूली उम्र के बच्चों को रोबोटिक्स, एआई, कोडिंग और आईओटी सीखने में मदद करती है।



इनड्राइव साउथ एशिया पीआर मैनेजर, पवित नंदा आनंद ने कहा, हमारे बिगिनआईटी  प्रोजेक्ट के माध्यम से, हम छोटे बच्चों को टेक्नोलॉजी से जोड़ने की कोशिश करते हैं ताकि उनकी समस्या सुलझाने की (प्रॉब्लम सॉल्विंग) स्किल को प्रोत्साहित किया जा सके और उन्हें भविष्य के लिए तैयार किया जा सके।

उन्होंने कहा कि हमने बच्चों के लिए एक मजेदार लर्निंग वर्कशॉप का आयोजन किया जहां उन्होंने सीखा कि कैसे स्कै्रच से स्मार्ट वाहन बनाना है। इस गतिविधि ने बच्चों को ट्रांसपोटेशन और ऑटोमोबाइल पर अपने ज्ञान को बढ़ाने में मदद की और उम्मीद है कि इससे नई जनरेशन के इंजीनियरों, डिजाइनरों और क्रिएटिव को तैयार करने में मदद मिलेगी। उन्होंने ट्रांसपोर्टेशन के भविष्य पर फोकस्ड एसटीईएम आधारित प्रोग्राम को लागू करना सीखा।

ट्रेनिंग सेशन के दौरान, बच्चों ने डिजाइनिंग, कांसेप्ट, माइक्रोकंट्रोलर और सेंसर के साथ काम करने के बारे में सीखा, उदाहरण के लिए, ड्राइवरलेस कार।  टिंकरली के को-फाउंडर और सीईओ शरद बंसल ने कहा टिंकरली का विजन हैं कि एसटीईएम लर्निंग को किस तरह आसान बनाया जाए।


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