कानपुर 2 दिसंबर 2025। डॉ. सोनिया दत्ता, एमडीएस, पीएचडी, प्रोफेसर, पब्लिक हेल्थ डेन्टिस्ट्री के अनुसार, मसूड़ों की बीमारियां आम हैं लेकिन अक्सर हम इनको अनदेखा करते हैं, जिसकी वजह से मुंह की गंभीर समस्याएं हो सकती हैं जैसे दांत खराब होना, डायबिटीज़ और गर्भावस्था में जटिलताएं। मसूड़ों की बीमारियों से जुड़े कारणों को समझना ज़रूरी है, ताकि इसकी रोकथाम और उपचार के लिए जल्द से जल्द कदम उठाए जाएं। मसूड़ों की बीमारियों को जल्द से पहचान कर जटिलताओं की संभावना को कम किया जा सकता है। मसूड़ों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए दांतों का मजबूत होना ज़रूरी है। लौंग और नीम जैसे प्राकृतिक इन्ग्रीडिएन्ट्स से बना डाबर रैड पेस्ट मसूड़ों को बनाए रखता है, यह बैक्टीरिया को दूर कर ओरल हाइजीन बनाए रखने में मदद करता है। इसे अपनी दिनचर्या में अपनाएं और मजबूत दांत एवं स्वस्थ मसूड़े पाएं।
मसूड़ों की बीमारियों के कारण और जोखिम: प्लॉक जमना मसूड़ों की बीमारियों का मुख्य कारण है। अगर इसका इलाज न किया जाए तो यह सख्त होकर टार्टर में बदल जाता है और जिंजिवाइटिस एवं पेरिडोंटिटिस का कारण बन सकता है। मसूड़ों की बीमारियों के कई कारण हो सकते हैं जैसे धूम्रपान / तम्बाकू , डायबिटीज़, ओरल हाइजीन का ध्यान न रखना। मसूड़ों की बीमारियों की शुरूआती अवस्था है जिंजिवाइटिस, इसमें मसूड़ों में सूजन, लाली होने लगती है। अगर इसका इलाज न किया जाए तो ये पेरिडोंटिटिस में बदल जाता है। जो एक गंभीर रोग है, इसमें दांतों के खराब होने और इन्फेक्शन की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में दांत निकालने तक की नौबत आ सकती है। डायबिटीज़ के कारण भी मसूड़ों की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा आनुवंशिक कारणों की वजह से भी मसूड़ों की बीमारियां हो सकती हैं।
मसूड़ों को स्वस्थ रखने के लिए अपनाएं आयुर्वेदिक उपाय: लौंग और नीम जैसे इन्ग्रीडिएन्ट्स में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इन्फ्लामेटरी गुण होते हैं जो मसूड़ों की बीमारियों से लड़ने में कारगर हैं। लौंग के एनालजेसिक गुणों के चलते यह सूजन को दूर करता है, वहीं नीम बैक्टीरिया को पनपने से रोकता है। डाबर रैड पेस्ट में मौजूद पावरफुल हर्ब्स मसूड़ों को प्राकृतिक रूप से स्वस्थ बनाए रखने में कारगर हैं। इसके अलावा आईडीए सील ऑफ एक्सेप्टेन्स डाबर रैड पेस्ट को और मसूड़ों की देखभाल के लिए परफेक्ट बनाती है।
मसूड़ों की बीमारियों की रोकथाम के सुझाव: मसूड़ों की बीमारियों से बचने के लिए दिन में दो बार डाबर रैड पेस्ट जैसे भरोसेमंद प्रोडक्ट के साथ ब्रश करें। दांतों के बीच फंसे प्लॉक का निकालने के लिए फ्लॉस का इस्तेमाल करें, क्योंकि फ्लॉस दांतों के बीच उन स्थानों तक पहुंच जाता है, जहां ब्रश नहीं पहुंच पाता। ब्रशिंग के लिए सही तरीका अपनाएं। इसके अलावा प्लॉक को निकलवाने के लिए प्रोफेशनल क्लीनिंग भी करवा सकते हैं, इससे मसूड़ों पर टार्टर नहीं जमेगा और मसूड़े स्वस्थ रहेंगे। साथ ही मसूड़ों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए संतुलित आहार का सेवन करें। फलों और सब्जियों में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व होते हैं। हर्बल प्रोडक्ट से कुल्ला करें, ऐसा करने से मसूड़ों में इन्फेक्शन नहीं होगा। धूम्रपान न करें और शराब का सेवन भी मसूड़ों की सेहत के लिए अच्छा नहीं है।


0 टिप्पणियाँ